
कमीशन बढोत्तरी और प्रस्तावित बेकेन्सी रोकने के लिए उप्र पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन 23 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर करेगी धरना प्रदर्शन, पेट्रोलियम मंत्री को सौंपा जाएगा ज्ञापन
प्रदेश एसोशिएसन के आवाहन पर पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसो. पीलीभीत के पदाधिकारी भी होंगे रवाना
पीलीभीत। पिछले 6-7 सालों से डीजल पेट्रोल की बिक्री पर कमीशन ना बढ़ाए जाने और प्रस्तावित नई वैकेंसियों के विरोध में उत्तर प्रदेश पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन के आवाहन पर 23 अगस्त को पेट्रोल पंप स्वामी दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करेंगे और उसके बाद पेट्रोलियम मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे। प्रदेश यूनियन के आवाहन पर पीलीभीत सहित सभी जिलों के पदाधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। जिसकी तैयारियों में स्थानीय यूनियन भी जुटी है।
पीलीभीत पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष श्रीकांत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गत माह उत्तर प्रदेश पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन की लखनऊ में हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि पिछले कई सालों से डीजल पेट्रोल बिक्री पर मार्जिन नहीं बढ़ाया गया है और नई वैकेंसियां थोक के भाव प्रस्तावित करके डीलरों का उत्पीड़न करने की रणनीति बनाई गई है। इसको लेकर 23 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदेश यूनियन द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा और वहां से पैदल मार्च करते हुए पेट्रोलियम मंत्री को ज्ञापन सौपा जाएगा। दिल्ली में धरना प्रदर्शन की अनुमति प्राप्त होने के बाद पीलीभीत सहित सभी जिलों में तैयारियां चल रही हैं। प्रदेश अध्यक्ष रंजीत सिंह और प्रदेश महासचिव धर्मवीर चौधरी लगातार इस धरना प्रदर्शन की तैयारी में जुटे हैं और सभी जिलों से संपर्क कर रहे हैं। श्रीकांत सिंह ने बताया की पीलीभीत से भी दर्जन भर पदाधिकारी इस प्रस्तावित धरना प्रदर्शन में शामिल होने दिल्ली जाएंगे। इसको लेकर शीघ्र ही संगठन की बैठक करके रणनीति तय की जाएगी।
जिलाध्यक्ष बोले बेकार होता जा रहा पेट्रोलियम व्यवसाय
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पेट्रोलियम ट्रेड बिल्कुल बेकार होता जा रहा है। डीजल पेट्रोल बिक्री पर कमीशन 6 साल से न बढ़ने से पम्प संचालन के खर्च नहीं निकल रहे हैं। सभी डीलर कम बिक्री होने से परेशान हूं परंतु चुनाव नजदीक आते ही वर्ष 2018 की भांति सरकार ने एक बार पुनः ऑयल कंपनियों से नई वैकेंसियाँ प्रस्तावित करवा कर नई मुसीबत खड़ी कर दी है। जिनके द्वारा मौजूदा डीलर तो परेशान होंगे ही जो नए लोग इस धंधे में आएंगे वे भी पछताएंगे। पम्प स्थापना के लिए करोड़ों की जमीन और करोड़ों का नकद निवेश करने से पहले सभी को सोचना चाहिए। पुराने डीलरों से बात करनी चाहिए और इस ट्रेड में जो कठिनाइयां है उनको समझना चाहिए। ऑयल कम्पनियों की मनमानी व लाइसेंस फीस के नाम पर आर्थिक शोषण भी बढ़ता जा रहा है। श्री सिंह ने बताया कि पेट्रोल पंप स्वामी पूरा माल बेचते हैं जबकि सभी डिपो से उन्हें कम डीजल पेट्रोल दिया जाता है और टैंकरों से भी बेरोकटोक तेल चोरी हो रही है। प्रत्येक गाड़ी 100 से 150 लीटर कम आती है जिससे आधा मार्जिन चला जाता है। बी साइट पर 10 और ए साइट 18 से 20 फीसदी तक लाइसेंस फीस वसूली जा रही है जबकि मार्जिन प्रतिशत 2 फीसदी भी तय नहीं किया गया है। बोले दुपहिया वाहनों के बाद चौपहिया इलेक्ट्रिक वाहन भी आने लगे हैं। ऐसे में देश के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी स्वयं कहते हैं कि निकट भविष्य में यह धंधा स्वत: समाप्त हो जाएगा।
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